शरद यादव का ऐसा रहा है MP से बिहार का सफर, पैत्रृक गांव में किया जाएगा अंतिम संस्कार

 पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का अंतिम संस्कार आज मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम स्थित उनके पैत्रृक गांव में किया जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के पार्थिव शरीर को पहले भोपाल लाया जाएगा, फिर यहां से नर्मदापुरम स्थित उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा। बता दें कि 12 जनवरी को उनका निधन हो गया था।

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के पार्थिव शरीर को मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम स्थित उनके पैतृक गांव ले जाया जा रहा है. 12 जनवरी को उनका निधन हो गया था।

बेटी सुभाषिणी यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी और लिखा कि मेरे पिता शरद यादव के पार्थिव शरीर को दिल्ली से उनके पैतृक गांव आंखमाऊं, तहसील बाबई जिला होशंगाबाद में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शनिवार दोपहर 1.30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शरद यादव का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी विज्ञान स्नातक की डिग्री रॉबर्टसन कॉलेज जबलपुर से प्राप्त की, जो जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से गवर्नमेंट साइंस कॉलेज, जबलपुर और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की शाखा है। वह पेशे से एक कृषक, शिक्षाविद और इंजीनियर थे।

मध्यप्रदेश के जरिए बिहार पहुंचे शरद यादव का अधिकांश राजनीतिक जीवन बिहार में गुजरा। उन्होंने 15 फरवरी 1989 को रेखा यादव से शादी की, जिनसे उन्हें एक बेटा और एक बेटी है। उनकी बेटी सुभाषिनी राजा राव 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। उन्होंने बिहारीगंज सीट से राजद उम्मीदवार के रूप चुनाव लड़ा, लेकिन इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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