शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष अजित गुट के स्टेट चीफ से मिले गले, कुछ देर तक हुई बातचीत

महाराष्ट्र की राजनीति में रोज नए प्रसंग सामने आ रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में चाचा-भतीजे की लड़ाई में जहां दोनों पक्ष दांव-प्रतिदांव का खेल खेल रहे हैं, वहीं अब दोनों गुटों के प्रदेश अध्यक्ष ने कल (सोमवार, 24 जुलाई) को न केवल एक-दूसरे को गले लगाया बल्कि दोनों नेताओं ने गुप्त मंत्रणा भी की।

रिपोर्ट के मुताबिक, शरद पवार गुट के एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और अजित पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने सोमवार को विधानसभा परिसर में एक-दूसरे को गले लगाया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाने के बाद किनारे में कुछ देर तक गुप्त मंत्रणा और बातचीत भी की।

संयोग से, एनसीपी विभाजन के बाद अजीत पवार गुट ने जयंत पाटिल की जगह सुनील तटकरे को पार्टी का महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की थी। उधर, शरद पवार गुट ने सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटाकर प्रतिक्रिया दी थी और “पार्टी विरोधी गतिविधियों” के लिए दोनों सांसदों की अयोग्यता की भी मांग की थी। शरद पवार गुट ने यह भी कहा था कि अजीत पवार गुट द्वारा की गई नियुक्तियाँ अवैध हैं।

बावजूद इसके शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल अपने प्रतिद्वंद्वी गुट के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे से न सिर्फ गले मिले बल्कि गुप्त मंत्रणा भी की। इस घटना से राजनीतिक गलियारों में फिर चर्चा छिड़ गई है कि आखिर एनसीपी के अंदर कौन सी खिचड़ी पक रही है। या फिर यह एक महज संयोग और राजनीतिक शिष्टाचार है?

इसी महीने की 2 जुलाई को एनसीपी दो फाड़ हो गई थी, जब अजित पवार ने एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के लिए उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अजित पवार के साथ छगन भुजबल, हसन मुशरिफ, दिलीप वलसे पाटिल समेत आठ और अन्य विधायकों ने भी शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल और रायगढ़ से लोकसभा सांसद सुनील तटकरे ने तब अजित गुट में रहना पसंद किया था, जबकि एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल शरद पवार संग ही रहे।

 

Related Articles

Back to top button