अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुआ ऐसा, सियासी चर्चाएं तेज

कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कमान संभाल चुके हैं, लेकिन राजस्थान मसले का हल निकाला जाना बाकी है। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच नया तनाव खड़ा होता दिख रहा है।

अब पायलट ने गहलोत पर निशाना साधा है, जिससे सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि खड़गे की तरफ से जवाब नहीं मिलने के चलते अब पायलट खेमा भी अंतिम प्रयासों में जुटता नजर आ रहा है।

इस दौरान पायलट ने 25 सितंबर को आयोजित विधायक दल की बैठक का कथित तौर पर बहिष्कार करने वाले विधायकों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस ने शांतिलाल धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर के खिलाफ नोटिस जारी किए थे।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस एक पुरानी पार्टी और समान नियम और अनुशासन सभी पर लागू होते हैं। पार्टी की तरफ से राजस्थान में नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों ने पहले ही अपनी बात कह दी है और तीन विधायकों को नोटिस भी मिल गए हैं। लेकिन अब समय आ गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस मामले में जल्द से जल्द फैसला लें। मुझे उम्मीद है कि वह ऐसा करेंगे।’

वेणुगोपाल की बात को एक महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। संभावनाएं जताई जा रही थी कि इस मामले पर अध्यक्ष के चुनाव के बाद फैसला लिया जाएगा, लेकिन अब नेता हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनाव में व्यस्त नजर आ रहे हैं। इधर, राहुल गांधी भी भारत जोड़ो यात्रा में हैं। ऐसे में बेचैन पायलट एक बार फिर फ्रंट फुट पर आ गए हैं। उन्होंने बयानों से साफ कर दिया है कि वह राजस्थान में मौजूदा स्थिति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

बुधवार को पायलट ने वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल के बयान का जिक्र किया और कहा, ‘राजस्थान से अनिर्णय का माहौल खत्म करने का समय आ गया है।’

29 सितंबर को वेणुगोपाल ने कहा था कि तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी दो दिनों में राजस्थान के मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी के बारे में फैसला लेंगी। पायलट की संभावित उम्मीदवारी की खबरों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव से पहले गहलोत समर्थक कहे जा रहे राजस्थान विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी।

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