सुखजिंदर सिंह रंधावा नाराज गहलोत को सुनाई खरी-खोटी बोले- थोड़ी सख्ती की जरूरत

रविवार को कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा नाराज हो गए। मौका था कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की तैयारियों के लिए बुलाई गई बैठक का। इस बैठक में कांग्रेस के कई प्रभारी मीटिंग में आए ही नहीं। यह देखकर प्रभारी रंधावा ने सीएम अशोक गहलोत को ही खरी-खोटी सुना दी। रंधावा बोले थोड़ी सख्ती की जरूरत हैं। घर, पार्टी और देश बिना सख्ती के नही चलता।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में भी रंधावा ने कहा सभी लोगों को स्पष्ट संदेश है कि बैठक में आना होगा। ये अंतिम साल है। सबकी परफॉर्मेंस देखी जाएगी। मैंने सीएम को सख्ती करने के लिए कहा है। बैठक के दौरान रंधावा ने नेताओं-मंत्रियों के परफॉर्मेंस को लेकर बात कही। संगठन के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि जो पार्टी के प्रति समर्पित रहेगा, उसको ईनाम भी मिलेगा। परफॉर्मेंस को लेकर उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल भी बदला जा सकता है। इसके अलावा जिसकी परफॉर्मेंस जीरो होगी उसे टिकट नहीं दिया जाएगा।

बैठक के बाद सीएम गहलोत ने कहा 16 व 17 जनवरी को सरकार का चिंतन शिविर हो रहा है। इसमें सरकार की परफॉर्मेंस का आंकलन करेंगे। इस बार मंत्री अपने-अपने विभाग के बारे में ब्रीफिंग करेंगे। हमारे प्रोग्राम, योजनाओं का इम्पेक्ट क्या है, उसकी स्टडी करेंगे। अगर कहीं कुछ जरूरत होगी तो अगला बजट आ रहा है, उसमें शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री गहलोत ने भाजपा नेताओं पर भी जमकर निशाना साधा। गहलोत ने कहा जब हम बजट पेश करते हैं तो ये विधानसभा से छिपकर भागते हैं। इनकी ऐसी पिटाई मैंने नहीं देखी। ये मीडिया से बात नहीं कर पा रहे। कहते हैं पैसा कहां से आएगा। मैंने कहा कटारिया जी पैसा कहां से आएगा, इसकी चिंता मुझे करनी चाहिए, आप क्यों चिंता कर रहे हो। गहलोत ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि इस बार युवाओं, छात्रों, बच्चों और महिलाओं के लिए भी शानदार बजट आएगा। हमारी योजनाएं जिनका राहुल गांधी ने अलवर में जिक्र किया था, ऐसी 5 योजनाएं देशभर में कहीं नहीं हैं।

ओपीएस पर पीएम मोदी हैं चुप

ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सीएम बोले हमने पीएम से आग्रह किया है कि आप ओपीएस को लागू क्यों नहीं कर रहे हो। जिन्हें पेंशन मिल रही है, आज वो सवाल उठा रहे हैं। अगर ओपीएस के लागू रहते 60 साल तक देश ने विकास किया है तो अब क्या तकलीफ है। गहलोत ने कहा इसके लिए हम वित्त मैनेजमेंट करेंगे। कर्मचारियों को पेंशन देंगे। ये हमने फैसला कर लिया है।

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