चीन और इस देश में बढ़ती जा रही तनातनी, भारी संख्या में नजर आई सेना

पिछले दिनों ताइवान दौरे पर गईं नैन्सी पेलोसी ने चीन को खूब भड़काया और इसका परिणाम यह हुआ कि चीन और ताइवान में तनातनी बढ़ती ही जा रही है। इसी कड़ी में चीन और उसकी सेना ने ताइवान की सामरिक और आर्थिक घेराबंदी कर डाली है। बीजिंग के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के युद्ध रणनीति के विशेषज्ञ प्रोफेसर मेजर जनरल मेंग झियांगकिंग का कहना है कि चीन की सेना ताइवान को सामरिक और आर्थिक रूप से घेर चुकी है।

चीन ने ताइवान सीमा के पास दाखिल होने वाले रास्तों को कब्जे में ले रखा है। इससे युद्ध के हालात में चीन के सैनिकों को ताइवानी सैनिकों पर हमला करना बेहद आसान होगा। उधर चीनी ने ताइवान के प्रमुख बंदरगाहों के आसपास अपना जमावड़ा बना लिया है। इस किलेबंदी के जरिए चीनी सेना ताइवान के तीन बड़े सैन्य ठिकानों पर आसानी से हमला बोल सकती है।

दक्षिणी ताइवान की सीमा पर चीनी सेना का डेरा है। इससे चीन अगर सैन्य कार्रवाई करता है तो ताइवान की सेना या वहां के लोगों को क्षेत्र से भागने का मौका नहीं मिलेगा। अब चीन की सेना ने ताइवान से लगती समुद्री सीमा पर युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है इससे ताइवान की अर्थव्यवस्था के लिए अहम आयात-निर्यात पर बुरा असर पड़ रहा है।

चीन ने पिछले सप्ताह युद्ध अभ्यास के दौरान पांच बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं। यह मिसाइलें पूर्वी ताइवान में स्थित जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के पास स्थित समुद्री क्षेत्र में गिरी थी। चीन ने पहली बार ऐसी कोई कार्रवाई की थी। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अपनी इस रणनीति से अमेरिका और जापान को चेतावनी दे रहा है। चीन का संदेश साफ है वो इन क्षेत्रों में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर भी हमला बोल सकता है।

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