यूपी में नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चलेगा ये, कमिश्नर को सौंपी गयी यह जिम्मेदारी

पूर्वी यूपी में नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलेगा। इसकी निगरानी शासन और जिला प्रशासन स्तर पर होगी। कमिश्नर रवि कुमार एनजी मंडल की नदियों के प्रदूषण संबंधी रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की निगरानी करेंगे। साथ ही हरेक सप्ताह इसकी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कमिश्नर को यह जिम्मेदारी सौंपी।

इस दौरान उन्होंने गोरखपुर में सीवर लाइन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट और बीआरडी मेडिकल कॉलेज से निकलने वाले बायो वेस्ट के निस्तारण के संबंध में जानकारी ली। अधिकारियों ने राप्ती और रोहिन नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए किए जा रहे कार्यों के अलावा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की प्रगति के संबंध में जानकारी दी।

इसके बाद प्रमुख सचिव ने कमिश्नर को सीवर लाइन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बायो वेस्ट के संबंध हरेक सप्ताह प्रगति बैठक करने और रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। वीडियो कांफ्रेंसिंग में डीएम कृष्णा करुणेश और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी पंकज यादव भी शामिल हुए।

दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तरल और ठोस अपशिष्ट के अनुचित प्रबंधन के लिए प्रदेश सरकार पर 120 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना गोरखपुर और उसके आसपास की नदियों में प्रदूषण के चलते लगाया गया है।

जुर्माना राशि एक माह के अंदर जमा करने संबंधी निर्देश दिया है। इसी केबाद से शासन इसको लेकर संजीदा हुआ है। नदियों के बढ़ते प्रदूषण को कम करने के मद्देनजर शनिवार को मुख्य सचिव ने गोरखपुर के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।

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