व्हाट्सऐप चलाने वाले जान ले ये बात , वरना हो जाएँगे परेशान

मेसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सऐप में यूजर्स को ढेरों फीचर्स मिलते हैं, जिनसे चैटिंग और मैसेजिंग अनुभव बेहतर बनाया जाता है लेकिन ज्यादा फीचर्स के लालच में ढेरों यूजर्स क्लोन्ड या थर्ड-पार्टी व्हाट्सऐप वर्जन इस्तेमाल करते हैं।

हालांकि, इन क्लोन्ड ऐप्स के इस्तेमाल का मतलब अपनी प्राइवेसी से समझौता करना है। नई रिपोर्ट में क्लोन्ड व्हाट्सऐप वर्जन की मदद से यूजर्स के ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड करने का मामला सामने आया है।

क्लोन्ड, थर्ड-पार्टी ऐप्स कई तरीकों से जासूसी कर सकती हैं और ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड करने में भी सक्षम होती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, “क्लोन्ड ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं होती हैं, यही वजह है कि इन्हें किसी तरह के सिक्योरिटी चेक्स से नहीं गुजरना पड़ता। अलग-अलग थर्ड-पार्टी वेबसाइट्स और स्टोर्स पर लिस्टेड क्लोन्ड ऐप्स में कई तरह के मालवेयर होते हैं और इनसे बच पाना संभव नहीं है।”

क्लोन्ड ऐप्स में यूजर्स को कुछ ऐसे फीचर्स मिलते हैं, जो आधिकारिक ऐप में नहीं मिलते। उदाहरण के लिए, GB Whatsapp यूजर्स डिलीट किए जाने के बाद भी कोई मेसेज पढ़ सकते हैं। इसके अलावा बिना यूजर को पता चले उसका स्टेटस देखने का विकल्प भी मिलता है। ऐसे फीचर्स आधिकारिक ऐप के कोड में बदलाव और इससे छेड़छाड़ कर दिए जाते हैं। यही वजह है कि क्लोन्ड ऐप्स का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं होता।

रिपोर्ट में बताया है कि व्हाट्सऐप के थर्ड-पार्टी, क्लोन्ड और अनाधिकारिक वर्जन स्पाईवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं। ‘GB Whatsapp’ नाम के लोकप्रिय लेकिन क्लोन्ड थर्ड-पार्टी व्हाट्सऐप वर्जन की मदद से ना सिर्फ यूजर्स के चैट्स बल्कि उनकी वॉइस और वीडियो कॉल्स की जासूसी भी की जा रही है। यूजर्स को फौरन इस ऐप का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी गई है।

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