एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस करने जा रहे ऐसा , समझें सियासी समीकरण

हाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार जल्द ही पूरा हो जाएगा। हालांकि बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार छोटा हो सकता है।

लेकिन इससे पहले ही एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम ने शिंदे को मुश्किल में डाल दिया है। खबर है कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दिन पहले दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। यह पता चला है कि बैठक के दौरान राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की गई। सूत्रों का कहना है कि बैठक में शिंदे से उनके गुट के चार से पांच मंत्रियों को बर्खास्त करने को कहा गया है। शिंदे के लिए मुश्किल यह है कि ये वे नेता हैं, जिन्होंने उद्धव ठाकरे से बगावत के दौरान उनका साथ दिया था।

बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, शिंदे-फडणवीस सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार पूरा नहीं होने पर भी कैबिनेट के कुछ मंत्रियों को घर का रास्ता दिखाया जा सकता है। उधर, शिंदे समूह का कहना है कि अमित शाह और एकनाथ शिंदे के बीच मंत्रिमंडल विस्तार पर सकारात्मक चर्चा हुई। हालांकि, उसके बाद भी शिंदे गुट के पांच मंत्रियों की जगह बरकरार रहेगी, इस पर सियासी माहौल गर्माया हुआ है।

अगर शिंदे-फडणवीस सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी हो जाए तो भी यह छोटा होगा। आमतौर पर 9 से 10 नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। हालांकि, शिवसेना और भाजपा नेतृत्व पर विधायकों का काफी दबाव है कि वे मंत्री बनाए जाएं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी इस पर टिप्पणी की थी। अब जब इन पांच मंत्रियों को मंत्रीमंडल से बाहर का रास्ता दिखाने का आदेश दिया गया है, तब से एकनाथ शिंदे चिंतित हैं। चर्चा तो यह भी है कि इसी वजह से एकनाथ शिंदे छुट्टी लेकर कश्मीर चले गए।

शिंदे समूह के जिन पांच मंत्रियों पर मंत्रीमंडल से बाहर होने की तलवार लटक रही है, वे हैं- कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, संदीपन भूमरे, स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत, जल आपूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटिल और खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री संजय राठौड़। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इन पांचों को जल्द ही मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया जाए। अब यह देखने वाली बात होगी कि शिंदे इसे भारी मन से करेंगे या बीजेपी हाईकमान से बगावत कर इनका साथ देते हैं?

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