भर्ती परीक्षाओं में नकल कराने वालों के खिलाफ कड़ा कानून ला रही उत्तराखंड सरकार , जानिए सबसे पहले आप

उत्तराखंड सरकार भर्ती परीक्षाओं में नकल करने और कराने वालों के खिलाफ कड़ा कानून लाने जा रही है। भर्ती परीक्षाओं के लिए घूस देने वालों को भी अब जेल होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि भर्ती परीक्षाओं में नकल माफिया पर लगाम लगाने के लिए सख्त नकलरोधी विधेयक लाया जा रहा है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसी विधानसभा सत्र में यह विधेयक पेश किया जाएगा।

इसके साथ ही एक लाख रुपये जुर्माना और अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान किया जा सकता है। इस तरह कोई व्यक्ति यदि भर्ती के लिए घूस देता या लेता है तो उसे भी जेल जाना होगा। वहीं, यदि परीक्षा कराने वाली कंपनी के संचालकों की ही नकल कराने में मिलीभगत पाई जाती है तो उसके लिए अर्थदंड पांच करोड़ तक किया जा रहा है।

ऐसे कंपनी संचालकों के लिए सजा का प्रावधान दस साल तक किया जा सकता है। यूकेएसएसएससी ने राज्य में नकल पर अंकुश लगाने के लिए प्री और मेंस दोनों परीक्षाएं कराने का भी सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इससे नकल के जरिए भर्ती होने की गुंजाइश काफी कम हो जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अफसरों को देश के अन्य आयोगों की भी व्यवस्था परखने के निर्देश दिए हैं। आयोग के अफसर इन राज्यों में जाकर वहां कंपनी के चयन की व्यवस्था से लेकर पेपर बनाने वाले एक्सपर्ट, स्ट्रांग रूम की व्यवस्था और केंद्रों में परीक्षाओं के संचालन के बाबत हर छोटी-बड़ी जानकारी जुटाएंगे। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के आयोगों की व्यवस्थाओं को अभी सटीक माना जाता है।

सरकार सख्त नकल विरोधी कानून लाने जा रही है। इसमें नकल करने और कराने वालों के खिलाफ कड़ी धाराओं का प्रावधान किया जा रहा है। इसमें सजा के साथ ही अर्थदंड के रूप में जुर्माने की भी व्यवस्था की जाएगी।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में जिस तरह से एक के बाद एक कई घपले-घोटाले सामने आए थे। इसके बाद सरकार ने यह कड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है। सूत्रों ने बताया कि कोई अभ्यर्थी भर्ती परीक्षाओं में यदि नकल करते पकड़ा जाता है तो उसे अगले पांच साल तक प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

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