वाराणसीः गंगा में फिर तेज बढ़ाव, निचले इलाकों में मची खलबली

पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ का असर वाराणसी में दिखाई देने लगा है। गंगा का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। वाराणसी के दक्षिणी में स्थित अस्सी घाट और उत्तरी में बना नमो घाट भी डूब गया है। कल तक दो से तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहीं गंगा शुक्रवार को आठ सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ने लगी हैं। इससे कई निचले इलाकों में खलबली मच गई है।

जिला प्रशासन ने जारी किया कंट्रोल रूम का नंबर: बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन कंट्रोल रूम का नंबर 0542-2508550 जारी करते हुए सम्बंधित इलाके के प्राधिकारी का नम्बर भी सार्वजनिक किया गया है। जिलाधिकारी ने आदेश दिया है बाढ़ से बचाव में तैनात सभी अधिकारी व कर्मचारी अपनी-अपनी तैयारी समय पूर्व पूरा कर लें।

उधर, जिले के ग्रामीण इलाकों में 40 बाढ़ राहत शिविर बनाने के साथ सक्रिय किया गया है। सदर तहसील में 33, पिंडरा में 3 और राजातालाब के 4 शिविर शामिल हैं। जिला प्रशासन ने गंगा तटवर्ती कॉलोनियों मे भी नजर रखने का आदेश दिया है।

गंगा जलस्तर में बढ़ाव से श्मशानघाट डूब गए हैं। हरिश्चंद्र घाट पर गुरुवार को गलियों में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं मणिकर्णिका घाट पर बृजपाल दास रमा देवी विश्राम स्थल में पानी चले जाने से शवदाह कराने में परिजनों को कठिनाई हो रही है।

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक रफ्तार यही रही तो 24 घंटे के अंदर जलस्तर का चेतावनी बिंदू पार कर जाएगा। गुरुवार की सुबह गंगा का जलस्तर 67.54 मीटर था जो शुक्रवार की सुबह 68.44 मीटर पर आ गया है। फिलहाल जलस्तर 68.72 मीटर पर पहुंच गया है। यह चेतावनी बिंदु से करीब डेढ़ मीटर और खतरे के निशान से ढाई मीटर नीचे है। बनारस में चेतावनी बिंदु 70.26 और खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है।

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