आगरा में बढ़ा चंबल नदी का जलस्तर, जारी हुआ अलर्ट

चंबल नदी फिर से उफान पर है। बीते 24 घंटे में नदी का जलस्तर सामान्य से सात मीटर ऊपर चढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन 128 मीटर तक जलस्तर पहुंचने की संभावना व्यक्त कर रहा है। ऐसे में प्रशासन ने पिनाहट पर स्टीमर सेवा बंद कर दी है। ग्रामीणों को नदी किनारे जाने से रोका जा रहा है।

नदी के तटवर्ती गांव में अलर्ट जारी कर दिया गया है। दिन और रात में निगरानी बढ़ा दी गई है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक चंबल नदी में कोटा बैराज से पानी छोड़ने और मध्यप्रदेश और राजस्थान में लगातार हो रही बारिश से पार्वती जैसे कई छोटी-छोटी नदियों का पानी चंबल में गिर रहा है। इससे नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है।

हथिनी कुंड से यमुना नदी में छोड़े पानी से आगरा में नदी उफान पर है। शनिवार को नदी में ताजेवाला से 15,877 क्यूसेक, ओखला से 54,876 क्यूसेक और गोकुल बैराज से 16,442 क्यूसेक पानी छोड़ा है। यमुना का जलस्तर 490.40 मीटर तक पहुंच गया।

राजस्थान कोटा से चंबल नदी में गुरुवार को चार गेट खोलकर एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा है। इस बार नदी का पानी तीन दिन में 128 मीटर पार कर जाएगा। चंबल 132 मीटर पर आ जाती है। उप जिलाधिकारी बाह रतन वर्मा ने बताया कि गांव को अलर्ट किया है।

पिनाहट में बढ़ते जलस्तर को देखने पहुंचे युवक की पैर फिसलने से चंबल नदी में डूबककर मौत हो गयी। करीब आधा घंटा बाद उसका शव नदी से बाहर निकाला जा सका। शनिवार को चंबल नदी का जलस्तर जैसे ही बढ़ना शुरू हुआ कि वहां भीड़ इकट्ठी होने लगी। पुलिस ने भीड़ को हटाना शुरू कर दिया। शाम करीब चार बजे फिरोजाबाद का पमारी निवासी रमजानी पुत्र 22 वर्षीय शफी मोहम्मद चंबल नदी घाट पहुंच गया। टीले से पैर फिसल गया। वह नदी में जाकर गिरा।

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