योगी सरकार के बुल्डोजर का गलत इस्तेमाल, बेघर परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर

कहते हैं कुर्सी की पावर सिर चढ़कर बोलती है। चाहे तो किसी की मदद कर दे, चाहे तो किसी पर भी सितम ढहा दे। योगी सरकार का बुल्डोजर भू-माफिया और अपराधियों के लिए आफत बना हुआ है, लेकिन अब कुछ लोग इसका गलत इस्तेमाल भी करने लगे हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक ग्राम प्रधान ने गरीब के आशियाने को बुल्डोजर चलाकर उजाड़ दिया। बेघर परिवार सर्द मौसम में रात को भी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है

परिवार ध्वस्त मकान का मलबा रो-रोकर समेट रहा है। परिवार चिंता में है कि आखिर वह आर्थिक तंगी के बीच किस तरह दोबारा अपना आशियाना बना पाएगा। इतना ही नहीं पीड़ित परिवार ने जब इस मामले की रूरा थानाध्यक्ष से शिकायत की तो आरोप है कि रूरा पुलिस ने पीड़ित पर ही कार्रवाई की दी। पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने थाने में बंद कर दिया। बिना बात के शांतिभग में चालान कर दिया। पीड़ित परिवार ने पुलिस और प्रधान पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।

मामला कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के सुनवर्षा गांव का है। यहां करीब 25 वर्षों से लवकुश अपने परिवार के साथ रहे हैं। पूर्व में तत्कालीन ग्राम प्रधान ने ₹12 हजार रुपये कीमत का शौचालय बनाया। गांव में आने-जाने के लिए सड़क का निर्माण कराया। इसकी दो बार मरम्मत भी कराई गई। आरोप है कि जब परिवार घर पर नहीं था तो उस समय डगराहा का ग्राम प्रधान बुल्डोजर लेकर पहुंचा और गरीब के घर को तोड़ दिया।

सरकारी शौचालय को छतिग्रस्त करते हुए पीड़ित घर में लगे कई हरे पेड़ों को भी काट डाला। जब परिवार के लोग वापस लौटे तो उनके होश उड़ गए। पीड़ित परिवार अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। परिवार ने मामले की लिखित शिकायत रूरा थाने में की, लेकिन परिवार को न्याय नहीं मिला। बल्कि पीड़ित पर ही कार्यवाही कर दी गई।

वहीं बताया गया है कि डगराहा ग्राम प्रधान की ओर से की गई इस हरकत के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया। आरोप है कि सुनवर्षा ग्राम प्रधान द्वारा बनाई गई सड़क को भी उखाड़ दिया है। इससे सरकारी धन को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया है। वही जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

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