US दौरे पर गईं ताइवानी राष्ट्रपति, वजह जानकर चौक जाएगे आप

ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन बुधवार को अमेरिका के लिए रवाना हो गईं। अपने दस दिनों की यात्रा में वेन अमेरिका के अलावा मध्य अमेरिकी देशों ग्वाटेमाला और बेलीज के साथ संबंधों को मजबूत करने पर द्विपक्षीय बातचीत करेंगी। चीन ने ताइवानी राष्ट्रपति के अमेरिकी दौरे पर सख्त ऐतराज जताया था।

दरअसल, चीन नहीं चाहता कि ताइवान और अमेरिका के बीच नजदीकियां बढ़े। पिछले ही हफ्ते चीन ने एक अहम कूटनीतिक चाल में ताइवान के समर्थक रहे देश होंडुरास को अपने पाले में कर लिया। होंडुरास ने आधिकारिक रूप से रविवार से चीन से राजनयिक संबंध खोल लिए।

ताइवानी राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा, पहले वह न्यूयॉर्क का दौरा करेंगी, उसके बाद वह ग्वाटेमाला जाएंगी, जहां राष्ट्रपति त्साई अपने ग्वाटेमाला के समकक्ष अलेजांद्रो गियामाटेई और बेलीज के प्रधान मंत्री जॉन ब्रिसेनो से मुलाकात करके अपनी 10 दिवसीय यात्रा जारी रखेंगी। इसके बाद वह वापस ताइवान जाते समय लॉस एंजिलिस में रुकेंगी।

बेलीज और ग्वाटेमाला उन 13 देशों में से हैं, जो होंडुरास के स्टैंड से उलट इस स्व-शासित द्वीप का समर्थन करते रहे हैं, जबकि चीन स्वशासित द्वीप (ताइवान) को अपने क्षेत्र का हिस्सा बताता रहा है। चीन दावा करता रहा है कि वह अपने “वन चाइना” सिद्धांत के तहत, ताइवान को एक दिन वापस ले लेगा। इसके लिए अगर बल प्रदर्शन जरूरी हुआ तो वह भी करेगा। चीन का यह भी कहना है कि कोई भी देश बीजिंग और ताइपे दोनों के साथ आधिकारिक संबंध नहीं रख सकता है।

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